साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को होली के दिन पड़ रहा है, जो एक विशेष Blood Moon के रूप में दिखाई देगा। यह ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा, लेकिन इसका धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व बहुत अधिक है। चंद्र ग्रहण के दौरान, चंद्रमा का रंग लाल हो जाता है, जिसे Blood Moon कहा जाता है। इस ग्रहण के दौरान कई धार्मिक अनुष्ठान और सूतक काल से जुड़ी मान्यताएं होती हैं, लेकिन भारत में इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसमें पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है, जिससे चंद्रमा की रोशनी पृथ्वी द्वारा अवरुद्ध हो जाती है। यह ग्रहण सिंह राशि और उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में पड़ रहा है। होली के दिन इस ग्रहण का पड़ना एक विशेष संयोग माना जा रहा है, जिसमें सूर्य भी राशि परिवर्तन कर रहे हैं।
Lunar Eclipse 2025
विवरणविवरण की जानकारीग्रहण की तिथि14 मार्च 2025ग्रहण का समयसुबह 9:29 बजे से दोपहर 3:29 बजे तकग्रहण का प्रकारTotal Lunar Eclipse (Blood Moon)दृश्यताभारत में नहीं दिखाई देगासूतक कालभारत में मान्य नहीं होगाराशि और नक्षत्रसिंह राशि और उत्तर फाल्गुनी नक्षत्रविशेषताहोली के दिन पड़ने वाला ग्रहण
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चंद्र ग्रहण 2025 की विशेषताएं
चंद्र ग्रहण 2025 की कई विशेषताएं हैं जो इसे अन्य ग्रहणों से अलग बनाती हैं:
- ब्लड मून: इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा का रंग लाल हो जाता है, जिसे Blood Moon कहा जाता है। यह तब होता है जब पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है और चंद्रमा की रोशनी पृथ्वी के वायुमंडल से गुजरती है।
- होली का संयोग: यह ग्रहण होली के दिन पड़ रहा है, जो एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। इस दिन सूर्य भी राशि परिवर्तन कर रहे हैं, जो ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है।
- सिंह राशि और उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र: यह ग्रहण सिंह राशि और उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में पड़ रहा है, जो ज्योतिषीय गणनाओं में महत्वपूर्ण होता है।
चंद्र ग्रहण के दौरान धार्मिक मान्यताएं
चंद्र ग्रहण के दौरान कई धार्मिक मान्यताएं और अनुष्ठान होते हैं:
- सूतक काल: चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है, लेकिन भारत में इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा क्योंकि यह ग्रहण यहां दृश्यमान नहीं होगा।
- पूजा और अनुष्ठान: ग्रहण के दौरान देवी-देवताओं की पूजा और अन्य शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। लोग ग्रहण के दौरान भगवान का नाम जपना और भोजन को तुलसी डालकर सुरक्षित रखना शुभ मानते हैं।
- गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानियां: गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और किसी भी तरह के शारीरिक श्रम से बचना चाहिए।
चंद्र ग्रहण 2025 के दौरान क्या करें और क्या न करें
ग्रहण के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
- भोजन: ग्रहण से पहले भोजन तैयार कर लें और उसमें तुलसी डालकर सुरक्षित रखें। ग्रहण के दौरान भोजन न करें।
- पूजा-पाठ: ग्रहण के दौरान कोई भी पूजा-पाठ या अनुष्ठान न करें।
- स्वच्छता: ग्रहण के बाद घर की साफ-सफाई करें और पवित्र करने के लिए गंगाजल का छिड़काव करें।
- दान: ग्रहण के बाद दान करना शुभ माना जाता है। आप अपनी क्षमता अनुसार दान कर सकते हैं।
चंद्र ग्रहण 2025 के दौरान सावधानियां
ग्रहण के दौरान कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं:
- गर्भवती महिलाएं: गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और किसी भी तरह के शारीरिक श्रम से बचना चाहिए।
- भोजन और पानी: ग्रहण के दौरान भोजन और पानी न पिएं। यदि जरूरी हो तो पहले से तैयार किया हुआ भोजन ही खाएं।
- यात्रा: ग्रहण के दौरान यात्रा करने से बचना चाहिए। यदि जरूरी हो तो ग्रहण के बाद ही यात्रा करें।
चंद्र ग्रहण 2025 के बाद के अनुष्ठान
ग्रहण के बाद कुछ अनुष्ठान करना शुभ माना जाता है:
- स्नान और पूजा: ग्रहण के बाद स्नान करें और देवी-देवताओं की पूजा करें।
- दान: ग्रहण के बाद दान करना शुभ होता है। आप अपनी क्षमता अनुसार दान कर सकते हैं।
- भोजन: ग्रहण के बाद ताजा भोजन बनाएं और परिवार के साथ बैठकर खाएं।
चंद्र ग्रहण 2025 के दौरान विशेष संयोग
इस ग्रहण के दौरान कई विशेष संयोग बन रहे हैं:
- होली का त्योहार: यह ग्रहण होली के दिन पड़ रहा है, जो एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है।
- सूर्य का राशि परिवर्तन: इस दिन सूर्य भी राशि परिवर्तन कर रहे हैं, जो ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
- चंद्रमा का राशि परिवर्तन: चंद्रमा भी राशि परिवर्तन कर रहा है, जो इस ग्रहण को और भी विशेष बनाता है।
चंद्र ग्रहण 2025 के दौरान देखने के स्थान
यह चंद्र ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा, लेकिन यह कई अन्य देशों में देखा जा सकता है:
- उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका
- यूरोप
- ऑस्ट्रेलिया
- अफ्रीका
इन देशों में लोग इस विशेष Blood Moon को देख सकेंगे और इसकी खगोलीय महत्ता का अनुभव कर सकेंगे।
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निष्कर्ष
चंद्र ग्रहण 2025 एक विशेष खगोलीय घटना है जो होली के दिन पड़ रही है। हालांकि यह ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा, लेकिन इसका धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व बहुत अधिक है। ग्रहण के दौरान धार्मिक अनुष्ठानों और सावधानियों का पालन करना जरूरी है। ग्रहण के बाद दान और पूजा-पाठ करना शुभ माना जाता है।
Disclaimer: यह लेख जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। चंद्र ग्रहण और सूतक काल से जुड़ी मान्यताएं धार्मिक और सांस्कृतिक होती हैं, जिन्हें व्यक्तिगत विश्वासों के अनुसार माना जा सकता है।