EMI Bounce: आज के समय में, हर व्यक्ति अपनी विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंकों से लोन लेता है। चाहे वह घर खरीदने के लिए होम लोन हो, गाड़ी खरीदने के लिए कार लोन हो या फिर अन्य व्यक्तिगत जरूरतों के लिए पर्सनल लोन, हर प्रकार के लोन पर समय पर ईएमआई (Equated Monthly Installment) का भुगतान करना अत्यंत आवश्यक होता है। परंतु कई बार ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं, जब व्यक्ति समय पर अपनी ईएमआई का भुगतान नहीं कर पाता, जिससे ईएमआई बाउंस हो जाती है। इससे न केवल पेनाल्टी देनी पड़ती है, बल्कि क्रेडिट स्कोर पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आइए जानते हैं कि ईएमआई बाउंस होने पर क्या करना चाहिए और इससे कैसे बचा जा सकता है।
ईएमआई बाउंस होने पर तुरंत करने योग्य कार्य
जब आपकी ईएमआई किसी भी कारण से बाउंस हो जाती है, तो सबसे पहले घबराएं नहीं। यह एक सामान्य समस्या है जिसका समाधान हमेशा मौजूद होता है। सबसे पहले आपको अपने बैंक से संपर्क करना चाहिए और बैंक मैनेजर से मिलकर अपनी स्थिति के बारे में बात करनी चाहिए। बैंक मैनेजर आपको आगे की कार्यवाही के बारे में विस्तार से बताएगा और संभावित समाधान भी सुझाएगा।
अगर आपको पता है कि आप कुछ समय तक ईएमआई का भुगतान नहीं कर पाएंगे, तो बैंक मैनेजर से ईएमआई को कुछ समय के लिए होल्ड करने की अनुमति मांग सकते हैं। बैंक आपकी आर्थिक स्थिति और पूर्व भुगतान इतिहास के आधार पर इस अनुरोध पर विचार करेगा। याद रखें, बैंक से खुलकर बात करना हमेशा फायदेमंद होता है क्योंकि वे ग्राहकों की समस्याओं को समझते हैं और उनका समाधान निकालने में मदद करते हैं।
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लोन लेते समय सावधानियां
लोन लेते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि भविष्य में ईएमआई बाउंस जैसी समस्याओं से बचा जा सके। सबसे पहले, लोन लेने से पहले सभी नियम और शर्तों को अच्छी तरह से पढ़ लें। बैंक द्वारा दिए गए किसी भी दस्तावेज पर बिना पढ़े हस्ताक्षर न करें। इससे आपको भविष्य में होने वाले सभी खर्चों और देनदारियों के बारे में पता चल जाएगा।
बैंक में जमा किए गए चेक पर अपने हस्ताक्षर की जांच अवश्य करें। अगर चेक पर हस्ताक्षर नहीं होते हैं या गलत होते हैं, तो चेक बाउंस होने पर आपको पेनल्टी देनी पड़ सकती है। इसके अलावा, अगर आप किसी बिल्डर से घर खरीद रहे हैं, तो जमीन और प्रॉपर्टी के सभी दस्तावेजों की अच्छी तरह से जांच करें। अगर दस्तावेजों में कोई कमी होती है, तो बैंक लोन को बीच में ही बंद कर सकता है, जिससे आपको बैंक द्वारा दी गई रकम का तुरंत भुगतान करना पड़ सकता है।
लोन गारंटर बनने से पहले सोचें
किसी के लोन का गारंटर बनना एक बड़ी जिम्मेदारी है। अगर मुख्य लोन लेने वाला व्यक्ति लोन की किस्त नहीं चुका पाता है, तो लोन चुकाने की जिम्मेदारी गारंटर की हो जाती है। इसलिए किसी के लोन के गारंटर बनने से पहले अच्छी तरह से सोच-विचार कर लें। उस व्यक्ति की आर्थिक स्थिति, भुगतान क्षमता और विश्वसनीयता के बारे में जानकारी प्राप्त करें। गारंटर बनने से पहले यह सोच लें कि क्या आप लोन की पूरी राशि चुका पाएंगे, अगर मुख्य लोन लेने वाला व्यक्ति ऐसा नहीं कर पाता है।
लोन जल्दी चुकाने के उपाय
लोन को जल्द से जल्द चुकाने के लिए कई उपाय हैं। सबसे पहले, अगर आपकी आय में वृद्धि होती है, जैसे बोनस या सैलरी इंक्रीमेंट, तो इस अतिरिक्त राशि का उपयोग अपनी ईएमआई बढ़ाने के लिए करें। इससे आपका लोन जल्दी चुक जाएगा और आप पर कम ब्याज का बोझ पड़ेगा।
अगर आपके पास अचानक बड़ी राशि आती है, जैसे इनहेरिटेंस या इन्वेस्टमेंट से रिटर्न, तो इस राशि का उपयोग लोन के पूर्व भुगतान के लिए करें। पूर्व भुगतान से या तो आपके लोन की अवधि कम होगी या फिर ईएमआई की राशि घट जाएगी, जिससे आपका लोन जल्दी चुक जाएगा।
अगर आपने जिस बैंक से लोन लिया है, उसकी ब्याज दर अधिक है और कोई दूसरा बैंक कम ब्याज दर पर लोन दे रहा है, तो आप अपने लोन को दूसरे बैंक में ट्रांसफर करवा सकते हैं। इसे लोन रीफाइनेंसिंग कहते हैं। इससे आपको कम ब्याज दर का लाभ मिलेगा और आप अपना लोन जल्दी चुका पाएंगे।
ईएमआई का समय पर भुगतान करना हर लोन लेने वाले व्यक्ति की प्राथमिक जिम्मेदारी है। लेकिन अगर किसी कारणवश आपकी ईएमआई बाउंस हो जाती है, तो घबराएं नहीं। बैंक से संपर्क करें और अपनी स्थिति के बारे में खुलकर बात करें। साथ ही, भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए अपनी आर्थिक योजना बनाएं और उसके अनुसार चलें। लोन लेते समय सभी नियम और शर्तों को अच्छी तरह से समझें और अपनी भुगतान क्षमता के अनुसार ही लोन लें।
Disclaimer
यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। विशिष्ट वित्तीय निर्णय लेने से पहले हमेशा वित्तीय सलाहकार या बैंक अधिकारियों से परामर्श करें। हर व्यक्ति की आर्थिक स्थिति अलग होती है, इसलिए वित्तीय निर्णय व्यक्तिगत परिस्थितियों के अनुसार लिए जाने चाहिए। किसी भी प्रकार के लोन या ईएमआई से संबंधित नियम और शर्तें बैंक के अनुसार भिन्न हो सकती हैं।