मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही में राज्य के 21 लाख श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन में वृद्धि के आदेश जारी किए हैं। यह निर्णय इंदौर हाईकोर्ट के फैसले के बाद लिया गया है, जिसमें श्रम विभाग को निर्देश दिए गए थे कि वे विभिन्न उद्योगों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए अलग-अलग वेतन दरें तय करें। इस वृद्धि से श्रमिकों को 1625 से 2434 रुपये प्रति माह का लाभ मिलेगा, जो 1 मार्च 2025 से लागू होगा।
इस निर्णय के पीछे एक लंबी प्रक्रिया रही है। नवंबर 2019 में, न्यूनतम वेतन सलाहकार बोर्ड ने श्रमिकों के वेतन में 25% वृद्धि की सिफारिश की थी, जिसे 1 अप्रैल 2024 से लागू किया गया था। हालांकि, मध्यप्रदेश टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन ने इस अधिसूचना को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिसके बाद कोर्ट ने स्टे लगा दिया था। बाद में 3 दिसंबर 2024 को स्टे हटा दिया गया और 10 फरवरी 2025 को हाईकोर्ट ने अपना अंतिम फैसला सुनाया।
इस योजना के अलावा, मध्य प्रदेश सरकार ने एनएचएम के तहत 32 हजार से अधिक संविदा कर्मचारियों के लिए भी नई नीति जारी की है। इस नीति से लगभग 1.5 लाख लोगों को लाभ होगा, जिसमें कर्मचारियों के परिवार भी शामिल हैं।
Minimum Wage Increase: Key Highlights
विवरणविवरण का विस्तारलाभार्थी21 लाख श्रमिकों को लाभ मिलेगा।वेतन वृद्धि1625 से 2434 रुपये प्रति माह की वृद्धि।लागू तिथि1 मार्च 2025 से लागू होगी।न्यायालय का फैसलाइंदौर हाईकोर्ट के फैसले के बाद लिया गया निर्णय।पिछली वृद्धिनवंबर 2019 में 25% वृद्धि की सिफारिश की गई थी।संविदा कर्मचारियों के लिए नीति32 हजार से अधिक संविदा कर्मचारियों के लिए नई नीति।
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न्यूनतम वेतन वृद्धि की प्रक्रिया
न्यूनतम वेतन वृद्धि की प्रक्रिया में कई चरण शामिल हैं। सबसे पहले, न्यूनतम वेतन सलाहकार बोर्ड ने वेतन में वृद्धि की सिफारिश की। इसके बाद, राज्य सरकार ने इसे लागू करने का निर्णय लिया। हालांकि, कुछ उद्योग संगठनों ने इसे न्यायालय में चुनौती दी, जिसके बाद कोर्ट ने स्टे लगा दिया। बाद में स्टे हटाने के बाद ही यह वृद्धि लागू हो सकी।
न्यूनतम वेतन वृद्धि के प्रमुख बिंदु
- वेतन वृद्धि की दर: श्रमिकों को 1625 से 2434 रुपये प्रति माह की वृद्धि मिलेगी।
- लाभार्थी श्रमिक: इस निर्णय से 21 लाख श्रमिकों को लाभ होगा।
- न्यायालय का फैसला: इंदौर हाईकोर्ट के फैसले के बाद यह निर्णय लिया गया।
- पिछली वृद्धि: नवंबर 2019 में 25% वृद्धि की सिफारिश की गई थी, जो 1 अप्रैल 2024 से लागू हुई थी।
- स्टे की स्थिति: मध्यप्रदेश टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन की चुनौती के बाद कोर्ट ने स्टे लगाया था, जिसे बाद में हटा दिया गया।
संविदा कर्मचारियों के लिए नई नीति
मध्य प्रदेश सरकार ने एनएचएम के तहत संविदा कर्मचारियों के लिए नई नीति जारी की है। इस नीति से 32 हजार से अधिक संविदा कर्मचारियों को लाभ होगा, जिससे लगभग 1.5 लाख लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे। इस नीति में कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं:
- सेवा समाप्ति का अधिकार: संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्ति का अधिकार केवल मिशन संचालक एनएचएम के पास होगा।
- वेतन वृद्धि: उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आधार पर नियमित वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा।
- मातृत्व अवकाश: गर्भवती महिलाओं को नियुक्ति के समय प्रसव के छह सप्ताह बाद कार्यभार ग्रहण करने की अनुमति दी जाएगी।
- पितृत्व अवकाश: संविदा कर्मचारियों के लिए पितृत्व अवकाश के प्रावधान भी लागू किए गए हैं।
- स्थानांतरण अधिकार: जिला स्वास्थ्य समिति को जिले में स्थानांतरण का अधिकार दिया गया है।
- अनुकंपा नियुक्ति और एक्स-ग्रेशिया सहायता: आकस्मिक परिस्थितियों में परिवार को सहायता प्रदान करने के लिए अनुकंपा नियुक्ति और एक्स-ग्रेशिया सहायता राशि के प्रावधान किए गए हैं।
- विशेष अवकाश: सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों के अनुसार विशेष अवकाश की सुविधा भी संविदा कर्मचारियों को प्रदान की जाएगी।
- जांच के दौरान वेतन: यदि किसी कर्मचारी के खिलाफ जांच चल रही हो, तो उसे 50% वेतन प्रदान किया जाएगा।
- ऑनलाइन ट्रांसफर मैनेजमेंट सिस्टम: स्थानांतरण प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन ट्रांसफर मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है।
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न्यूनतम वेतन वृद्धि का महत्व
न्यूनतम वेतन वृद्धि से श्रमिकों को आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी। यह निर्णय श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार लाने में मदद करेगा और उन्हें बेहतर जीवन जीने का अवसर प्रदान करेगा। इसके अलावा, यह वृद्धि आर्थिक विकास में भी योगदान करेगी, क्योंकि श्रमिकों की आय बढ़ने से वे अधिक उपभोग कर सकेंगे, जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी।
न्यूनतम वेतन वृद्धि के लाभ
- आर्थिक स्थिरता: श्रमिकों को आर्थिक स्थिरता मिलेगी।
- जीवन स्तर में सुधार: श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार होगा।
- आर्थिक विकास: यह वृद्धि आर्थिक विकास में भी योगदान करेगी।
- बाजार में मांग: उपभोग बढ़ने से बाजार में मांग बढ़ेगी।
- श्रमिकों का मनोबल: श्रमिकों का मनोबल बढ़ेगा, जिससे उत्पादकता में वृद्धि होगी।
न्यूनतम वेतन वृद्धि की चुनौतियाँ
हालांकि न्यूनतम वेतन वृद्धि एक सकारात्मक कदम है, लेकिन इसके साथ कुछ चुनौतियाँ भी हैं। उद्योगों पर आर्थिक बोझ बढ़ सकता है, जिससे वे अपने उत्पादन लागत में वृद्धि कर सकते हैं। इसके अलावा, एरियर की समस्या भी एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि विभाग ने अभी तक इसके बारे में कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिए हैं।
Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करता है और किसी भी प्रकार की वित्तीय या कानूनी सलाह नहीं है। मध्य प्रदेश में न्यूनतम वेतन वृद्धि के बारे में विस्तृत और अद्यतन जानकारी के लिए, कृपया आधिकारिक सरकारी स्रोतों या प्रासंगिक अधिकारियों से संपर्क करें।
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